Writing with writer's
Sad shayri are here
Menu
Shayri
Love
Writes
Wednesday, January 16, 2019
मिलने की तडप आज भी दिलो मे जागा करती है
रातो को उठ उठ कर आज भी निंदे टूटा करती है
सफरो पर निकले ये रासते भी काहा खतम होते है
जाहा से दिल की धड़कनें थाम
जाऐ
वाहा से कबरों की राहें शूरू होआ करती है
Newer Post
Older Post
Home